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भारतीय किसान मजदूर यूनियन दशहरी संगठन की नीतिया

 

परिचय

भारतीय किसान मजदूर यूनियन (दशहरी संगठन) एक राष्ट्रव्यापी किसान एवं श्रमिक संगठन है, जो कृषि एवं श्रम क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के अधिकारों की सुरक्षा, सामाजिक न्याय एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव एक प्रख्यात किसान नेता हैं, जिन्होंने कृषि एवं श्रम नीतियों में सुधार तथा किसानों एवं मजदूरों के अधिकारों की रक्षा हेतु अनेक प्रभावशाली आंदोलनों का नेतृत्व किया है।

संगठन का उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कृषि ऋण माफी, श्रमिक कल्याण, जल संसाधन प्रबंधन, जैविक एवं सतत कृषि को बढ़ावा देना, महिला किसानों के सशक्तिकरण एवं श्रमिक अधिकारों की रक्षा हेतु प्रभावी नीति निर्माण सुनिश्चित कराना है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव के नेतृत्व में संगठन ने स्थानीय, प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर कई सफल आंदोलन एवं अभियान संचालित किए हैं, जिससे नीति-निर्माताओं एवं प्रशासनिक संस्थाओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला गया है। संगठन का प्राथमिक लक्ष्य किसानों एवं श्रमिकों के अधिकारों की संवैधानिक सुरक्षा, न्यायसंगत नीतियों का निर्माण एवं उनके आर्थिक-सामाजिक उत्थान हेतु प्रभावी कदम उठाना है।

 

संगठन की स्थापना एवं विकास

भारतीय किसान मजदूर यूनियन (दशहरी संगठन) की स्थापना किसानों एवं श्रमिकों के अधिकारों की संरक्षा, उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण एवं कृषि एवं श्रम सुधारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। यह संगठन अपनी स्थापना के समय से ही कृषि एवं श्रम नीति निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाते हुए, किसान एवं श्रमिक समुदाय की समस्याओं के समाधान हेतु प्रभावी हस्तक्षेप कर रहा है

संगठन ने अपनी स्थापना के पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव के नेतृत्व में विभिन्न स्तरों पर संगठित प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप यह स्थानीय, प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली संगठन के रूप में स्थापित हुआ है। संगठन ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कृषि ऋण माफी, श्रमिक अधिकारों की रक्षा, जल संसाधन प्रबंधन, जैविक कृषि को प्रोत्साहन एवं महिला किसानों के सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को लेकर कई प्रभावशाली आंदोलनों का नेतृत्व किया है।

विकास की प्रक्रिया में, संगठन ने कृषि एवं श्रम सुधारों को संस्थागत स्वरूप प्रदान करने, कृषकों एवं श्रमिकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने तथा नीति-निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। समय के साथ, संगठन ने अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए किसानों एवं श्रमिकों की समस्याओं के समाधान हेतु प्रशासनिक तंत्र, नीति-निर्माताओं एवं विधायी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित किया है

वर्तमान में, संगठन अपने मूल उद्देश्यों के अनुरूप कृषि एवं श्रम नीति सुधारों को सशक्त करने, कृषकों एवं श्रमिकों की आय वृद्धि सुनिश्चित करने तथा सामाजिक एवं आर्थिक न्याय की स्थापना हेतु सतत कार्यरत है

मनीष यादव की व्यक्तिगत यात्रा: राजनीतिक सफर एवं प्रेरणाएँ

प्रारंभिक जीवन एवं प्रेरणाएँ

मनीष यादव का जन्म एक कृषक परिवार में हुआ, जहाँ उन्होंने बचपन से ही कृषि क्षेत्र की चुनौतियों एवं किसानों की कठिनाइयों को निकट से अनुभव किया। उनका पारिवारिक परिवेश कृषि संकट, आर्थिक अस्थिरता और सरकारी नीतियों की अनदेखी जैसी समस्याओं से प्रभावित रहा, जिसने उनके भीतर कृषकों एवं श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हेतु संघर्षशील मानसिकता विकसित की। प्रारंभिक जीवन से ही उन्होंने ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों को समझते हुए सामाजिक न्याय, आर्थिक सुधार एवं किसान सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

राजनीतिक यात्रा एवं सामाजिक सक्रियता

अपने छात्र जीवन से ही मनीष यादव ने सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी शुरू की और स्थानीय स्तर पर किसानों एवं श्रमिकों की समस्याओं को मुखरता से उठाने का कार्य किया। उन्होंने देखा कि कृषि क्षेत्र में व्याप्त समस्याएँ—न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की असुरक्षा, ऋणग्रस्तता, भूमि अधिकारों का हनन एवं श्रमिकों के अधिकारों की उपेक्षा—किसानों एवं मजदूरों को हाशिए पर धकेल रही हैं। इन जमीनी वास्तविकताओं ने उन्हें संगठित आंदोलन एवं नीति-निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत विभिन्न किसान आंदोलनों एवं धरना-प्रदर्शनों के नेतृत्व से की, जिससे उन्हें जमीनी स्तर पर किसानों का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ। उनके नेतृत्व में, भारतीय किसान मजदूर यूनियन (दशहरी संगठन) ने अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय आंदोलनों का संचालन किया, जिससे सरकार को किसानों एवं श्रमिकों की माँगों पर ध्यान देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

विचारधारा और नीतियाँ:

मनीष यादव की विचारधारा मुख्य रूप से किसान-हितैषी, समाजवादी और श्रमिक वर्ग के उत्थान पर केंद्रित है। उनकी प्रमुख नीतियाँ इस प्रकार हैं:

  1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी: सभी फसलों के लिए उचित MSP की गारंटी सुनिश्चित करना। 
  2. कृषि ऋण माफी: छोटे और मध्यम किसानों के ऋणों को माफ करने की नीति, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। 
  3. किसान सुरक्षा कानून: किसानों के खिलाफ होने वाले अन्याय को रोकने के लिए प्रभावी कानून की मांग। 
  4. जल संरक्षण एवं सिंचाई सुविधा: किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधाएं प्रदान कराने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य। 
  5. श्रमिकों के अधिकार: मजदूरों के वेतन में वृद्धि, सामाजिक सुरक्षा और स्थायी रोजगार की गारंटी सुनिश्चित करने की पहल। 
  6. कृषि में नवाचार और जैविक खेती: किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना और नई कृषि तकनीकों को अपनाने में सहायता प्रदान करना। 
  7. गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान: चीनी मिलों द्वारा बकाया गन्ना भुगतान में देरी को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की मांग। 
  8. महिला किसानों और श्रमिकों का सशक्तिकरण: महिलाओं को कृषि और मजदूरी कार्यों में समान अवसर प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना। 

संगठन की उपलब्धियाँ:

मनीष यादव के नेतृत्व में, संगठन ने कई ऐतिहासिक सफलताएँ हासिल की हैं। कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:

  1. किसान अधिकार आंदोलन: न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य किसान अधिकारों को लेकर सफल राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन। 
  2. भूमि अधिकार संघर्ष: अवैध भूमि अधिग्रहण और भूमि विवादों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और विरोध प्रदर्शन। 
  3. गन्ना भुगतान आंदोलन: चीनी मिलों द्वारा किसानों को बकाया भुगतान में देरी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, जिसके बाद सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। 
  4. कृषि कानूनों में सुधार की मांग: सरकार से किसान हितैषी कानूनों में सुधार की अपील, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले। 
  5. रोजगार सुरक्षा आंदोलन: मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन और बेहतर कार्य परिस्थितियों की मांग को लेकर प्रभावी धरना-प्रदर्शन। 
  6. जल संकट समाधान अभियान: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल संरक्षण अभियान चलाना और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर दबाव बनाना। 
  7. महिला किसान अधिकार आंदोलन: महिला किसानों और मजदूरों के लिए सरकारी योजनाओं की मांग और उनके लिए विशेष सुविधाएँ सुनिश्चित कराना। 

इन आंदोलनों के कारण सरकार को कई बार किसानों की मांगों पर ध्यान देना पड़ा और कई राज्यों में नीतियों में सुधार किए गए।

भविष्य की योजनाएँ:

मनीष यादव और उनका संगठन आने वाले समय में निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्यों पर काम करने की योजना बना रहा है:

  1. किसानों के लिए राष्ट्रीय नीति: एक स्थायी नीति बनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना, जिससे किसान स्थिर आय और सुरक्षा प्राप्त कर सकें। 
  2. श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा: मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन बढ़ाने, बीमा योजना लागू करने और उनके अधिकारों को मजबूत करने की योजना। 
  3. सिंचाई परियोजनाएँ: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल प्रबंधन योजनाएँ लागू करवाने के लिए सरकार से संवाद। 
  4. कृषि शिक्षा और नवाचार: किसानों को आधुनिक तकनीकों और जैविक खेती से जोड़ना, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और आय बढ़े। 
  5. महिला और युवा किसानों के लिए योजनाएँ: महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष कृषि योजनाएँ लागू करवाना, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। 
  6. राष्ट्रीय स्तर पर बड़े आंदोलन: किसानों और मजदूरों की अनदेखी किए जाने पर बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन।